Sawan 2024 : इस साल सावन का महीना 22 जुलाई 2024 से शुरू हो रहा है. इस महीने में भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था. भोलेनाथ से जुड़े पौराणिक कथाओं की माने तो सावन का महीना भगवान शिव के लिए अति प्रिय होता है. भगवान शिव भिव भी गृहस्त जीवन के देवता है. सावन महीने में उपवास रखने से मन की सारी इच्छाएं पूरी होती हैं. भगवान भोलेनाथ बहुत ही दयालु हैं, वह अपने भक्तों पर आसानी से प्रसन्न हो जाते हैं. चलिए सीखते हैं, भगवान भोलेनाथ से इन पांच बातों को जिनसे आप अपने दांपत्य जीवन और रिलेशनशिप को मजबूत बना सकते हैं.
1. जीवनसाथी को दे बराबरी का दर्जा
भगवान भोलेनाथ का एक दूसरा भी रूप है जिसे हम अर्धनारीश्वर रूप के नाम से जानते है. यहा अर्धनारीश्वर शब्द का अर्थ है आधा पुरुष तथा आधी नारी, भगवान अपने ही स्वरुप में अपने आप को भी देखते हैं और अपनी धर्मपत्नी माता पार्वती को भी देखते हैं. इसी प्रकार से हमें भी भगवान शिव से सीखना चाहिए की अपने जीवन साथी को हमेशा बराबरी का दर्जा देना चाहिए, चाहे वह स्त्री हो या पुरुष दोनों को समानता का अधिकार होना चाहिए. अपने आप को अपने जीवनसंगिनी से ज्यादा ऊंचा बनने की कोशिश नहीं करनी चाहिए.
2. रिश्तो में रखें ईमानदारी
पति-पत्नी के रिश्ते में ईमानदारी होना बहुत जरूरी है. रिश्तो में छल कपट का सहारा लेने से इसका अंजाम हमेशा बुरा ही होता है. जिस प्रकार से भगवान शंकर जी का एक दूसरा नाम भोलेनाथ भी है, क्योंकि वह अपने भक्तों पर बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं, और वह बहुत ही सीधे-साधे और भोले हैं. उन्होंने कभी अपनी धर्मंपत्नी माता पारवती से छल कपट नहीं किया. वह चाहते तो किसी राजकुमार का रूप धारण करके माता पारवती से विवाह करने के लिए जा सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. उनकी जैसी छवि थी वह उसी रूप में माता पारवती से विवाह किया, और ईमानदारी का रास्ता ही चुना. इस प्रकार से आप भी अपने रिश्ते में हमेशा ईमानदारी ही चुने.
3. हमेशा प्यार का रास्ता चुने
रिश्तो में प्यार करना बहुत ज्यादा जरूरी है. आज के युग में कुछ लोग अपने पार्टनर से ज्यादा पैसे, बंग्ला, गाड़ी को अहमियत दे रहे हैं. जिन्हें भगवान भोलेनाथ और माता सीता से यह सीखनी चाहिए की, अवगढ़ दानी भोलेनाथ जिनके गले में सांपों की माला भस्मधारी शिव को माता सीता ने पसंद किया और उनसे विवाह भी किया. इससे ये सिखने को मिलाता है कि गृहस्थ जीवन में पैसों से ज्यादा प्यार का होना बहुत जरूरी है.
4. जिम्मेदारियां का निर्वहन करना
हम सभी को पता है कि भगवान भोलेनाथ ज्यादातर तपस्या में लीन रहते हैं. उनके अनुपस्थिति में माता सीता अपने पारिवारिक जीवन तथा सृष्टि के कार्यों की जिम्मेदारी निभाती है. इस प्रकार से पति-पत्नी में भी जिम्मेदारियां निर्वहन करने की क्षमता होनी चाहिए. एक दूसरे के अनुपस्थिति में किसी एक व्यक्ति को तो जिम्मेदारी उठानी ही पड़ेगी, तभी आप एक पारिवारिक जीवन को सुखमय व्यतीत कर पाएंगे.
5. एक अच्छे मुखिया के रूप में
भगवान भोलेनाथ से अच्छा मुखिया कैसे बना जा सकता है यह भी सिख सकते है. जैसे भगवान भोलेनाथ के गले में विषैले सांप लिपटे रहते हैं, और उनके पुत्र गणेश भगवान का सवारी चूहा है, सांप और चूहा यह दोनों एक दूसरे के बहुत बड़े दुश्मन है फिर भी इन दोनों में प्यार की भावना है. उसी प्रकार से भोलेनाथ के सवारी नंदी महाराज जी है और माता गौरी की सवारी शेर है इन दोनों में भी शत्रुता कि भावना नहीं है. आपको भी अपने परिवार को किसी भी परिस्तिथि में हमेशा एकजुट होकर रहना चाहिए.
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